झारखंड में साहारा इंडिया निवेशकों की उम्मीदें: झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख हेमंत सोरेन ने एक बार फिर राज्य की जनता के हितों की रक्षा करने की दायित्व दिखाई है। झारखंड के लाखों निवेशकों के फंसे पैसों को लेकर निवेशकों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर केंद्र से लगातार बात कर रही है और निवेशकों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने साहारा इंडिया में काफी समय पहले निवेश किया था, लेकिन अब तक उनका पैसा वापस नहीं मिला। इनमें से कई निवेशक छोटे व्यापारी और मेहनत करने वाले लोग हैं, जिनकी सारी पूंजी इस निवेश में फंसी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम निवेशकों की स्थिति को समझते हैं। इस मुद्दे को पहले भी केंद्र सरकार के समक्ष उठाया गया है, और हम इसे लेकर आगे भी बातचीत जारी रखेंगे।”
इस मुलाकात की एक तस्वीर हेमंत सोरेन ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की, जिसमें वह निवेशकों के प्रतिनिधियों के साथ विनर्म माहौल में चर्चा करते नजर आ रहे हैं। बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से आश्वासन दिया कि झारखंड सरकार साहारा इंडिया निवेशकों को उनका हक और अधिकार दिलाने के लिए कानूनी और संवैधानिक दायरे में हर संभव पर कदम उठाएगी।
क्या चाहते हैं निवेशक?
- राज्य सरकार एक जांच कमेटी बनाए, जो सहारा ग्रुप की स्कीमों और निवेशकों की शिकायतों की जांच करे।
- झारखंड सरकार सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करे ताकि लंबित मामलों में तेज़ी लाई जा सके।
- एजेंटों और जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, जिनकी वजह से लोग गुमराह हुए।
झारखंड में साहारा इंडिया निवेशकों की पीड़ा
साहारा इंडिया देश की एक जानी-मानी वित्तीय कंपनी रही है, जिसने वर्षों तक छोटे और मध्यम निवेशकों से करोड़ों रुपये जमा किए। परंतु बीते कुछ वर्षों में कंपनी की वित्तीय स्थिति पर गंभीर सवाल उठे और निवेशकों को उनकी रकम समय पर नहीं लौटाई जा सकी। इससे देशभर में लाखों करोड़ों परिवारों की आर्थिक स्थिति हिल गई। झारखंड में भी हजारों लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपनी जमा पूंजी साहारा इंडिया में लगाई थी और अब वे वर्षों से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
विधायक दीपिका पांडे सिंह की मुख्य बातें:
- झारखंड में 1.6 करोड़ से अधिक निवेशक सहारा इंडिया में फंसे हैं।
- करीब ₹50,000 करोड़ रुपये की राशि अभी तक वापस नहीं मिली है।
- कांग्रेस विधायक ने राज्य सरकार से केंद्र से बात कर समाधान निकालने की मांग की है।
- अधिकांश पीड़ित आम जनता है: किसान, मजदूर, महिलाएं।
जनता का विश्वास फिर से जीतने की कोशिश
हाल के वर्षों में राजनीतिक कारणों से हेमंत सोरेन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन इस बैठक ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि वे जनसरोकारों को प्राथमिकता देने वाले नेता हैं। यह कदम उनके लिए राजनीतिक रूप से भी सकारात्मक साबित हो सकता है।
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निष्कर्ष
साहारा इंडिया के निवेशकों की वर्षों की प्रतीक्षा और पीड़ा को देखते हुए हेमंत सोरेन का यह कदम निश्चित रूप से राहत की उम्मीद जगाता है। यह न केवल उनके नेतृत्व की संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि झारखंड सरकार की जवाबदेही को भी उजागर करता है। यदि यह पहल आगे बढ़ती है और निवेशकों को न्याय मिलता है, तो यह पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकती है।
Sahara Refund Portal Official Link – https://mocrefund.crcs.gov.in/depositor/#/home
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: क्या साहारा इंडिया निवेशकों को पैसा वापस मिलेगा?
A1: झारखंड सरकार ने इस दिशा में कानूनी कार्रवाई करने की घोषणा की है। उम्मीद है कि इससे निवेशकों को राहत मिलेगी।
Q2: हेमंत सोरेन ने क्या कहा साहारा निवेशकों के बारे में?
A2: उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार वैधानिक कदम उठाकर निवेशकों को उनका हक दिलाएगी।
Q3: बैठक मे कौन थे? और बैठक कहां हुई थी?
A3: मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में संस्थान के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा, संयुक्त सचिव अशोक कुमार राम, उप सचिव प्रवीण कुमार श्रीवास्तव और रेजिना सुचिता कच्छप शामिल थे। बैठक में विश्व भारती जनसेवा संस्थान से जुड़े प्रतिनिधि और विभिन्न जिलों के निवेशक शामिल हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या रखी और उनकी मदद की अपील की। यह बैठक रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हुई।